Heart Health Tips: यात्रा करते समय हर किसी को अपनी सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसके पीछे का कारण वातावरण का होता है। क्योंकि हम जगह से अचानक किसी अन्य स्थान पर जाते हैं, तो हवा-पानी बदलने से शरीर पर इसका बहुत असर होता है, जिससे हम बीमार भी पड़ सकते हैं और कई कंडीशनों में तो बीमार हो भी जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए ऐसा नहीं होता है, उन्हें अपनी एक्स्ट्रा केयर करनी होती है क्योंकि वे किसी न किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं, जैसे कि हार्ट पेशेंट। हार्ट के मरीजों को रोजमर्रा की जिंदगी में काम संभाल कर ही और सावधानी के साथ रहना चाहिए। सलाह दी जाती है कि यात्रा के दौरान उन्हें ज्यादा सेफ रहने की एडवाइस दी जाती है। आइए जानते हैं कि इन पर डॉक्टरों का क्या कहना है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ. नवीन अग्रवाल, जो कि एक हार्ट स्पेशलिस्ट हैं, बताते हैं कि इन मरीजों को अपने सेहत का खास ख्याल रखना होता है क्योंकि उनके मन में इस बात का गहरा असर होता है कि कहीं इन लोगों के साथ कुछ अनहोनी न हो जाए, खास तौर पर यदि वे फ्लाइट में कहीं ट्रैवल करने वाले होते हैं। ऐसी स्थिति ज्यादा बनती है।
Heart Health Tips: इन बातों का रखें ख्याल
- डॉक्टर कहते हैं कि हार्ट अटैक या फेलियर आने पर आपको अगले 6 महीने के अंदर कहीं भी ट्रैवल करने के लिए मना किया जाता है और ट्रैवलिंग के लिए भी मना किया जाता है।
- अगर आप कहीं ट्रैवल करने का प्लान बना रहे हैं और आपको हार्ट अटैक आ चुका है या हार्ट की किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको ऐसी जगह पर जाने से बचना चाहिए जहां मेडिकल फैसिलिटी आसानी से नहीं मिल पाती है।
- ठंडा और पहाड़ी इलाकों में जाने से जितना हो सके बचें, खासतौर पर यदि आपको 1 साल के अंदर कोई अटैक आया है।
- अगर आपको ऐसी जगह पर जाना जरूरी है, तो आपको हिल स्टेशंस के ऊपरी इलाकों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही, ट्रैवल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से भी मिल लें।
- मेडिसिन प्रोटोकॉल भी जरूरी है क्योंकि कभी भी इन लोगों का बीपी, शुगर या कोलेस्ट्रॉल लेवल अप-डाउन हो सकता है। कोशिश करें कि अपनी जरूरी दवाएं हैंडबैग या पर्स में रखें ताकि आप तुरंत ही जरूरत पड़ने पर उन्हें ले सकें।
- ट्रेन से ट्रैवल करने पर डॉक्टर कहते हैं कि अटैक होने के शुरुआती 6 से 8 महीने में इसका अटैक दोबारा आने की संभावना रहती है। इसलिए आपको ट्रेन का भी सफर करने से बचना चाहिए क्योंकि ट्रेन से ट्रैवल करने पर अचानक इमरजेंसी स्थिति में मेडिकल हेल्प मिलना मुश्किल होता है। यदि आप ट्रेन जर्नी कर रहे हैं, तो आसपास के स्टेशन और नजदीकी फैसिलिटी भी देख लें।
- अगर कोई मरीज तुरंत अटैक आने के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहा है, तो एंबुलेंस का सहारा लें क्योंकि नॉर्मल गाड़ी से उनकी सेहत को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, मरीज खुद भी अपने लक्षणों का ख्याल रखें।
- ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। न्यूज़ एक्सप्रेस की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
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