Harmful Foods भोजन: तीन अक्षर और इसके पीछे है पूरी दुनिया। हमारी जिन्दगी हमारे खाने के ईर्द-गिर्द ही घूमती है, हमे क्या खाना पसंद है और क्याा नहीं बस यही सब। भोजन का एक सांस्कृतिक महत्व है, यही एक ऐसा पल होता है जब अपने परिवार, मित्रों या शुभचिंतकों के साथ एक टेबल पर बैठकर खाने के साथ अपने खास लम्हे बिता रहे होते हैं। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है और वो ये है कि भोजन हमारा दुश्मन भी हो सकता है। हम सिर्फ ये बात नहीं कर रहे हैं कि क्या खाने चाहिए और क्या नहीं, बल्कि खाने की हर स्वादिष्ट प्लेट से हमें पता खुद पर कंट्रोल होना चाहिए। हम अपने रोजमर्रा के भोजना में कुछ हानिकारक चीजों को छिपाते हैं, जिसे ज्यादातर लोग अनदेखा कर देते हैं।
Harmful Foods: हम आपके परोसी जा रही धीमी मौत के पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं!
Harmful Foods: कृत्रिम मक्खन

कृत्रिम मक्खन को इस सूची में इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में ट्रांस फैट होता है, जिससे अक्सर हृदय से संबंधित बीमारियां होती हैं। ह्रदय से संबंधित बीमारियों के अलावा, इसे स्तनपान से भी जोड़कर देखा जाता है, दरअसल कृत्रिम मक्खन में हाई ट्रांसफैट नुकसान देह होता है जिसकी वजह से मां के दूध की गुणवत्ता कम हो जाती है और नवजात शिशु को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है। इस प्रोडक्ट का छोटा भाग ही आपका इंसुलिन लेवल बढ़ा सकता है। हम जानते हैं कि ये मक्खन खाने में स्वादिष्ट होता है, लेकिन इसे खाने से पहले इसके स्वाद के साथ-साथ इसके नुकसान के बारे में भी सोच लें।
Harmful Foods: सोड़ा
कार्बोनेटेड पानी, स्वाद और मिठास ये तीन ऐसे मुख्य तत्व हैं जो दुनियाभर में परोसे जाने वाली इस लोकप्रिय ड्रिंक में मौजूद हैं। इसके अलावा, कई अन्य योजक हैं जो सोडा को एक साधारण विकल्प से परिवर्तित करते हैं जो हमारे प्रमुख घातक खाद्य पदार्थों में से एक बन जाता है, जानते हैं क्यों? बहुत आसान है। शर्करा युक्त सोडा पेय से आपका मस्तिष्क संतुष्ट नहीं हो सकता है, इसलिए आप अपने स्वास्थ्य पर कोई सकारात्मक प्रभाव डाले बिना अपनी दिनचर्या में खाली कैलोरी जोड़ते रहेंगे। फ्रुक्टोज की तरह उच्च मात्रा में अनावश्यक शर्करा आपके लीवर द्वारा ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाती है, और फिर आपका शरीर इसे वसा के रूप में एकत्रित कर लेता है। हाँ, हम जानते है आपको सोडा पेय पसंद हैं, डोपामिन को शुक्रिया क्योंकि निश्चित रूप से आप इसे सिर्फ इसलिए ही पसंद करते हैं।

एनर्जी ड्रिक्स

आप थके हुए हैं और आपको शारीरिक या मानसिक तनाव का सामना करना है, इसलिए थकान में मदद करने में एनर्जी ड्रिंक से बेहतर साथी और कौन हो सकता है भला। एनर्जी ड्रिंक फायदेमंद होती हैं, यदि उन्हें पीने के जोखिमों के बारे में जागरूकता के साथ उपयोग किया जाता है। ज्यादातर में एनर्जी ब्लेंड जैसे कि कैफीन, टॉरिन, ग्वाराना, बी विटामिन और ग्लूकोरोनोलैक्टोन इतनी मात्रा में होते हैं जो कई-पेय मात्रा में सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। यदि इन्हे बहुत अधिक मात्रा में लिया जाता है तो ये हानिकारक हो सकते हैं या यू कह सकते हैं कि ये अवैध ड्रग्स, धुम्रपान या शराब जितने ही हानिकारक हो सकते हैं।
फलों का जूस
जब किसी जूस के पैकेट के खरीदते हैं तो उसी 100 % फलों का इस्तेमाल करके बनाया गया जूस लिखा होता है, लेकिन ये हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है, ये सिर्फ विज्ञापन का एक तरीका है। इस जूस को तैयार करने के लिए फलों को निचोड़कर उनसे जूस निकाल लिया जाता है और इसे आमतौर पर एक साल तक रस से भरे ऑक्सीजन टपकने वाले टैंको में स्टोर करके रखा जाता है। इससे जूस लगभग फ्लेवर मुक्त हो जाता है। तो फिर हमारी इस नैचुरल एनर्जी ड्रिंक में स्वाद और फ्लेवर कहां से आता है? इसके लिए अपने बाद में फ्लेवर पैक मिलाए जाते हैं और ये पूरी प्रक्रिया का दूसरा चरण होता है और इसी टेस्ट का हम आनंद ले रहे होते हैं।

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सफेद ब्रेड

सफेद ब्रेड अन्य ब्रेड विकल्पों की तुलना में फाइबर और प्रोटीन के मामले में बहुत खराब होता है( पूरी तरह से गेहूं से बना, राई ब्रेड अभी दो उद्हारण है, हालांकि उदाहरण तो बहुत सारे दिए जा सकते हैं)। फाइबर हमारे शरीर को यह समझने में मदद करता है कि उसने कितना खा लिया है। यदि हम कैलोरी की अतिरिक्त खपत नहीं करना चाहते हैं तो परिपूर्णता की अनुभूति महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, एक इंसुलिन स्पाइक जोखिम अपने रास्ते पर है! प्रणाली में इंसुलिन की अतिरिक्त मात्रा हार्मोन रिलीज करके करके शरीर द्वारा काउंटर किया जाता है, जिसे स्वस्थ व्यक्ति में लगातार सक्रिय नहीं होना चाहिए।
कच्चा हनी
कच्चा शहद पाश्चुरीकरण प्रक्रिया से नहीं गुजरता है जिसमें हानिकारक विषाक्त पदार्थों को मार दिया जाता है। नतीजतन, इस “रेडी-टू-ईट” उत्पाद में अक्सर ग्रेअनोटॉक्सिन होता है, जो अगले 24 घंटों के लिए चक्कर आना, कमजोरी, अत्यधिक पसीना और मतली का कारण बन सकता है।

ट्यूना

ट्यूना (ट्यूना मछली) खाने से वैसे हमेशा से कोई समस्या नहीं रही है, लेकिन महासागरो में बढ़ते प्रदूषण के कारण अब ऐसा हुआ है। ट्यूना बहुत बड़ी मात्रा में पारा अवशोषित करती हैं, एक बार हमारे शरीर में प्रवेश करने पर किडनी से गुजरते हुए हमारे दिमाग व अन्य नरम टि्शूज तक ट्रेवल करती हैं। इसलिए हमें अपनी डाइट पर नियंतत्रण रखना चाहिए जिसमें हम ट्यूना का हफ्ते में ज्यादा सेवन करते हैं, अगर आपको यह खाना ज्यादा अच्छा लगता है तो इसके दूसरे विकल्प देख सकते हैं जिसमें पारे का एक्सपोजर कम हो।