कनाडा में हुए एक शूटआउट मामले में खालिस्तानी आतंकवादी और भारत के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अर्श डाला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पिछले चार साल से अपनी पत्नी के साथ कनाडा में रहकर हिंदुस्तान विरोधी आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। अर्श के करीबी दोस्त में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर शामिल था, जिसकी हाल ही में हत्या कर दी गई। डाला अब कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से भी जुड़ा हुआ है। वह एनआईए, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है और उसके 700 से ज्यादा शूटर भारत में सक्रिय हैं।
पंजाब के मोगा जिले के डाला गांव का रहने वाला अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला ने अपनी अपराध की दुनिया की शुरुआत छोटी चोरियों से की थी। जल्द ही वह रंगदारी वसूलने और जान से मारने की धमकियों तक पहुंच गया। 2018 के बाद उसकी अपराध गतिविधियां तेज हो गईं और वह अपहरण और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में शामिल हो गया। इसी दौरान उसका संपर्क कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से हुआ, जिसके इशारे पर उसने पंजाब में अपराध करना शुरू किया। उसकी काली करतूतों के कारण खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की नजर भी उस पर पड़ी।
अर्श डाला आतंकी निज्जर के केटीएफ मॉड्यूल में हुआ शामिल: बड़ा खुलासा
साल 2021 में, हरदीप सिंह निज्जर ने अर्श डाला के साथ मिलकर खालिस्तानी टाइगर फोर्स (केटीएफ) का तीन सदस्यीय मॉड्यूल तैयार किया. उसी साल जुलाई में, निज्जर के आदेश पर मोगा में सनशाइन क्लॉथ स्टोर के मालिक तेजिंदर उर्फ पिंका की हत्या कर दी गई. इसके अलावा, बरगारी बेअदबी मामले के आरोपी शक्ति सिंह का अपहरण और हत्या का प्रयास भी किया गया, लेकिन शूटर भोला सिंह पुलिस के हाथों पकड़ा गया इससे पहले कि वह वारदात को अंजाम दे पाता. 2022 में, अर्श डाला के निर्देश पर उसके साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी ने सुखप्रीत सिंह उर्फ सुख ग्रीस को पंजाब से पाकिस्तान में घुसपैठ कराने के लिए चंडीगढ़ में मुलाकात की.
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आईएसआई के इशारे पर आतंकी हमले की साजिश
अर्श डाला ने जनवरी 2022 में एक सात सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल का गठन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य मोहाली स्थित इमिग्रेशन कंसल्टेंट प्रीतपाल सिंह बॉबी की हत्या करना था। अगस्त 2022 में, उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर स्वतंत्रता दिवस के दिन आतंकी हमले की साजिश रची। इन वारदातों को अंजाम देने के बाद, उसका आत्मविश्वास इतना बढ़ गया कि उसने हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर मोगा के तत्कालीन एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल और सीआईए विंग के दो इंस्पेक्टरों की हत्या की योजना बनाई। हालांकि, इस योजना में वह सफल नहीं हो सका, लेकिन पुलिस के रडार पर आ गया।
पंजाब पुलिस का शिकंजा कसा तो कनाडा भाग गया
पुलिस का दबाव बढ़ता देख अर्श डाला 2020 में कनाडा भाग गया। उसके पास 1 सितंबर 2017 को जालंधर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया गया पासपोर्ट है, जो 31 अगस्त 2027 तक वैध है। वह ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में रह रहा था, जहां पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर भी रहता था। निज्जर के सहयोग से ही डाला भारत से कनाडा पहुंचा था। कुछ महीने पहले ही निज्जर की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी, जिससे भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। हत्या से पहले, निज्जर और डाला ने मिलकर हिंदुस्तान में कई वारदातों को अंजाम दिया था।
आतंकी निज्जर और डाला के गैंग में 700 शार्प शूटर्स
हरदीप सिंह निज्जर और अर्श डाला ने मिलकर एक आतंकी संगठन बनाया था, जिसमें 700 से अधिक शूटर्स शामिल हैं. ये गैंग पाकिस्तान से लेकर भारत तक अपनी आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, जिसके कारण भारतीय गृह मंत्रालय ने इसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है. एनआईए ने अर्श डाला को भगोड़ा घोषित करते हुए उसके सिर पर पांच लाख रुपए का इनाम रखा है. हालांकि निज्जर की मौत हो चुकी है, लेकिन डाला के बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से गहरे संबंध हैं. गोल्डी वही शख्स है, जिसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई थी.
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी खतरनाक है अर्श डाला
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इन दिनों सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। सलमान खान को जान से मारने की धमकी से लेकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या तक, उसके गैंग का नाम कई अहम मामलों में सामने आया है। हाल ही में उसने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी भी ली, जिसके बाद एक बार फिर उसका नाम चर्चा में आया। फिलहाल, वह गुजरात की जेल में बंद है और उसके खिलाफ 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं। लेकिन अर्श डाला लॉरेंस से कहीं ज्यादा खतरनाक है। वह सिर्फ अपराधी नहीं, बल्कि आतंकी गतिविधियों में शामिल है। पाकिस्तान और खालिस्तान के आतंकियों के साथ मिलकर वह देश विरोधी कामों को अंजाम दे रहा है।