प्रशांत किशोर ने कहा, “कुछ लोग सोचते हैं कि हम यहां मुख्यमंत्री बनने आए हैं, लेकिन वे मुझे नहीं जानते। मेरा सपना इतना छोटा नहीं है। मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए मेहनत नहीं कर रहा हूँ। मेरा उद्देश्य है कि अगले 10 वर्षों में ऐसा बिहार बने जहाँ हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग रोजगार की तलाश में आएं। तब ही बिहार के असली विकास को मापा जाएगा।”
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में लगातार सक्रिय हैं और राज्य में उपचुनावों के मद्देनज़र जनता से जुड़ाव बनाए हुए हैं। इसी सिलसिले में सोमवार को गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में एक जन संवाद के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग मानते हैं कि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए यह सब कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। उनका सपना मुख्यमंत्री बनना नहीं है।
क्या बोले प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा, “कुछ लोगों को लगता है कि मैं यहां मुख्यमंत्री बनने आया हूं, लेकिन आप मुझे नहीं जानते। मेरा सपना इतना छोटा नहीं है। मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी मेहनत नहीं लगा रहा हूं। मेरा असली सपना यह है कि अगले 10 वर्षों में बिहार ऐसा बने, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात, और महाराष्ट्र से लोग रोजगार के लिए आएं। तब ही हम मानेंगे कि बिहार में सच्चा विकास हुआ है।
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प्रशांत किशोर ने इस दौरान लालू और नीतीश पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं ने जाति के आधार पर लोगों को बांटकर राज किया, जबकि मोदी ने 5 किलो अनाज का लालच देकर लोगों से उनका वोट ले लिया। प्रशांत किशोर का कहना था कि पिछले 35 वर्षों में बिहार को लालू-नीतीश ने जातिगत राजनीति के जरिए चलाया, और मोदी ने 5 किलो अनाज के बहाने आपसे वोट हासिल किए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार इस कदर फैला है कि 5 किलो अनाज में भी भ्रष्ट नेता और अधिकारी गरीबों का 1 किलो हिस्सा छीन लेते हैं। इन सभी नेताओं को आपके बच्चों की शिक्षा और रोजगार की कोई परवाह नहीं है। जब तक आप जाति और मुफ्त अनाज के लालच से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक आपकी गरीबी दूर नहीं हो सकती। जब तक लोग 5 किलो अनाज के लालच में वोट देंगे, तब तक उनके बच्चों को रोजगार नहीं मिल पाएगा।