Chaitra Navratri 2025: जानिए सही तारीख, महत्व और पूजा विधि

Kriti Sharma
4 Min Read

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि का महत्व हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। वर्ष में दो बार आने वाली नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं। चैत्र नवरात्रि हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के पहले महीने चैत्र में आती है, इसलिए इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान भक्तजन देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं। यह पर्व आत्मशुद्धि, साधना और नवचेतना का प्रतीक माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025, रविवार से शुरू होगी और 6 अप्रैल 2025, रविवार को समाप्त होगी। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी, क्योंकि द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं।

Chaitra Navratri 2025 का पंचांग:

  • प्रतिपदा (घटस्थापना): 30 मार्च 2025
  • द्वितीया व तृतीया: 31 मार्च 2025
  • महाअष्टमी: 6 अप्रैल 2025
  • राम नवमी: 6 अप्रैल 2025

नवरात्रि पूजा विधि

  1. घटस्थापना: नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है। इसमें मिट्टी के कलश में जौ बोए जाते हैं और मां दुर्गा की स्थापना की जाती है।
  2. नौ दिनों की पूजा: भक्तजन पूरे नौ दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं। रोजाना दीप जलाकर, दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
  3. उपवास और भोग: इस दौरान व्रत रखा जाता है और मां को फलों, दूध, मिठाई, पंचामृत आदि का भोग लगाया जाता है।
  4. कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी को कन्याओं को भोजन कराकर उनका पूजन किया जाता है।
  5. हवन और विसर्जन: नवरात्रि के अंतिम दिन हवन किया जाता है और मां की विदाई की जाती है।
See also  "HMPV Virus in India: भारत में बढ़ रहा है खतरा, ज्योतिषीय गणना से जानें क्या कहती हैं ग्रह-नक्षत्रों की चाल!"

चैत्र नवरात्रि और दुर्गा पूजा चैत्र नवरात्रि में दुर्गा पूजा विशेष रूप से पूर्वी भारत और बंगाल में बसंती पूजा के रूप में मनाई जाती है। जबकि शारदीय नवरात्रि की दुर्गा पूजा अधिक प्रसिद्ध है, लेकिन वास्तव में बसंती पूजा की परंपरा पहले से चली आ रही है।

नवरात्रि का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व चैत्र नवरात्रि का सीधा संबंध ग्रहों और ज्योतिष से भी जुड़ा हुआ है। इसे नवचक्र जागरण और आत्मशुद्धि का काल माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दौरान ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा से साधना अधिक प्रभावी होती है।

Chaitra Navratri 2025 की खास बातें:

  • इस बार नवरात्रि केवल 8 दिनों की होगी।
  • इस दौरान राम नवमी भी 6 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
  • इस बार की नवरात्रि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष मानी जा रही है।

निष्कर्ष: चैत्र नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, भक्ति और साधना का एक महत्त्वपूर्ण समय होता है। इस पावन पर्व पर माता रानी की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो।

ये भी देखें:- Papamochani Ekadashi 2025: जानें शुभ तिथि, पूजा विधि और व्रत का महत्व

Share This Article
"कृति शर्मा" एक अनुभवी लेखिका हैं जो मनोरंजन के क्षेत्र में विशेष रुचि रखती हैं। वह न केवल एक कुशल फैशन डिज़ाइनर हैं बल्कि मॉडलिंग की दुनिया में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। फिल्मों की गहरी समझ और समीक्षा में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें पाठकों के बीच एक विश्वसनीय स्रोत बना दिया है। मनोरंजन की दुनिया से जुड़े हर पहलू को वे बारीकी से समझती हैं और अपने लेखों के माध्यम से पाठकों को सही जानकारी और मनोरंजन दोनों प्रदान करती हैं।
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *