Global Oil Market 2025: भारत बना रहेगा सबसे बड़ा कच्चे तेल उपभोक्ता, वैश्विक तेल बाजार में बढ़ेगा प्रभाव

Piyush Singh
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Global Oil Market 2025 नई दिल्ली: वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारत की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। फिलिप कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल उपभोक्ता बना रहेगा। भारत की ऊर्जा मांग में वृद्धि जारी है, और यह प्रवृत्ति 2030 तक और भी मजबूत हो जाएगी।

भारत की तेल खपत में बड़ा इजाफा

रिपोर्ट के अनुसार, 6% से अधिक की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत की ऊर्जा जरूरतें बढ़ती रहेंगी। इस मांग को पूरा करने के लिए, देश को कच्चे तेल और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर अत्यधिक निर्भर रहना होगा।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, 2030 तक भारत की तेल मांग 1.3 मिलियन बैरल प्रति दिन (MBPD) बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) ने यह आंकड़ा 1.8 MBPD तक बताया है। इससे भारत की कुल तेल खपत 2023 में 5.3 MBPD से बढ़कर 7.1 MBPD हो जाएगी।

Global Oil Market 2025: भारत में तेल की मांग क्यों बढ़ रही है?

भारत की बढ़ती आर्थिक प्रगति, मध्यम वर्ग की बढ़ती संख्या और युवा आबादी इस तेल खपत वृद्धि के प्रमुख कारक हैं। इसके अलावा, तेल क्षेत्र में निवेश और उत्पादन लागत में कमी ने यह सुनिश्चित किया है कि कम कीमतों के बावजूद उत्पादन जारी रहेगा।

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क्या इलेक्ट्रिक वाहन तेल की मांग को प्रभावित करेंगे?

हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का तेजी से विस्तार हो रहा है। 2023 में 14 मिलियन EV बेचे गए, जो वैश्विक कार बिक्री का 18% है। लेकिन EV अभी भी वैश्विक वाहन बाजार का केवल 2.5% हिस्सा हैं।

IEA का अनुमान है कि 2035 तक EV की वार्षिक बिक्री 23% तक बढ़ सकती है, जिससे 2030 तक तेल की मांग में 6 MBPD की कमी आ सकती है। लेकिन प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (PHEV) की लोकप्रियता और भारी वाहनों के विद्युतीकरण में आ रही चुनौतियां तेल खपत में इस गिरावट को सीमित कर सकती हैं।

Global Oil Market 2025: वैश्विक तेल आपूर्ति और कीमतें

2030 तक वैश्विक तेल उत्पादन क्षमता 6 MBPD बढ़कर 113.8 MBPD हो सकती है। गैर-OPEC देशों का इसमें 76% योगदान रहेगा, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, कनाडा और अर्जेंटीना प्रमुख योगदानकर्ता होंगे।

तेल की कीमतें प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाओं को छोड़कर, 65 से 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के बीच स्थिर रहने की संभावना है। भारत के लिए यह कीमतें आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायक होंगी।

निष्कर्ष

तेल की बढ़ती मांग और वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों के बावजूद, भारत आने वाले वर्षों में दुनिया का प्रमुख कच्चे तेल उपभोक्ता बना रहेगा। EV और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से तेल खपत पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन निकट भविष्य में भारत की तेल मांग मजबूत बनी रहेगी।

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लेखक परिचय:"पियूष सिंह" एक अनुभवी लेखक और संपादक हैं, जो ऑटोमोबाइल और लाइफस्टाइल की दुनिया में विशेष रुचि रखते हैं। वे एक CNC कंपनी में कार्यरत हैं और अपने लेखन में टेक्नोलॉजी और उद्योग से जुड़े अनुभवों को भी साझा करते हैं। पियूष का झुकाव यात्रा, सुंदरता, और खानपान की ओर है, और वे लाइफस्टाइल को एक समग्र दृष्टिकोण से देखते हैं। उनके लेखन में जानकारी के साथ एक व्यक्तिगत स्पर्श होता है, जो पाठकों को उनके साथ जुड़ने में मदद करता है।
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