Gully Boy Movie Review: सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि सपनों, संघर्ष और सफलता की गाथा है। झुग्गियों में पले-बढ़े मुराद (रणवीर सिंह) की कहानी, जो अपने रैपिंग टैलेंट के जरिए दुनिया में अपनी पहचान बनाने का सपना देखता है। ज़ोया अख्तर के निर्देशन में बनी यह फिल्म दर्शकों को न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि उन्हें प्रेरित भी करती है। रैप म्यूजिक, दिल छू लेने वाले इमोशन्स और बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ यह फिल्म हर किसी के दिल में गहरी छाप छोड़ती है।
झुग्गियों से आसमान तक: मुराद की प्रेरणादायक यात्रा, Gully Boy Movie Review
‘गली बॉय‘ एक ऐसी फिल्म है जो न केवल आपको जोश से भर देती है, बल्कि सपनों की शक्ति और उन्हें पाने के संघर्ष को गहराई से उजागर करती है। कहानी है मुराद (रणवीर सिंह) की, जो मुंबई की झुग्गियों में पला-बढ़ा एक साधारण लड़का है। रोज़मर्रा की समस्याओं के बीच जीते हुए, मुराद के पास एक ऐसी कला है, जो उसे असाधारण बनाती है—लिखने की।
मुराद की गर्लफ्रेंड सफीना (आलिया भट्ट) उसकी ताकत है। सफीना डॉक्टर बनने का सपना देखती है और मुराद से बेइंतहा प्यार करती है। वह उस तरह की लड़की है जो मुराद के लिए किसी से भी टकरा सकती है। लेकिन मुराद अभी भी अपनी जिंदगी की दिशा तय करने के संघर्ष में है। उसकी राह में समाज, परिवार और खुद की असुरक्षाएं दीवार बनकर खड़ी हैं।
एमसी शेर और स्काई: सपनों को पंख देने वाले किरदार

मुराद को अपने रैपिंग टैलेंट का एहसास तब होता है, जब वह एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) से मिलता है। एमसी शेर उसे सिखाता है कि रैप सिर्फ शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि अपनी कहानी बताने का माध्यम है। वहीं, स्काई (कल्कि कोचलिन) उसे नए अवसरों की ओर ले जाती है। लेकिन मुराद के सफर को आसान बनाने के लिए यह सब काफी नहीं है। विजय राज द्वारा निभाया गया मुराद का अपमानजनक पिता उसकी सबसे बड़ी बाधा है।
स्क्रिप्ट और निर्देशन: भावनाओं की गहराई

गली बॉय की कहानी भले ही एक अंडरडॉग की जीत पर आधारित हो, लेकिन इसे खास बनाता है इसका क्रियान्वयन। ज़ोया अख्तर और रीमा कागती की लिखी स्क्रिप्ट हर सीन में भावनाओं की गहराई को पकड़ने में कामयाब रहती है। ज़ोया का निर्देशन फिल्म को एक अलग स्तर पर ले जाता है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी (जय ओज़ा) शानदार है। मुंबई की तंग गलियों को इस तरह से फिल्माया गया है कि दर्शक खुद को उन गलियों का हिस्सा महसूस करते हैं।
स्टार परफॉर्मेंस: रणवीर और आलिया का दमदार अभिनय

रणवीर सिंह ने मुराद के किरदार में जान डाल दी है। उनका अभिनय इस कदर वास्तविक है कि आप उनकी हर भावना को महसूस करते हैं। मुराद का संघर्ष, उसका गुस्सा, उसका जश्न—हर चीज रणवीर ने बखूबी निभाई है। आलिया भट्ट ने सफीना के रूप में बेहतरीन काम किया है। उनका किरदार बिंदास, जिद्दी और प्यार से भरा है।
सिद्धांत चतुर्वेदी ने एमसी शेर के रूप में दिल जीत लिया है। उनका अभिनय इतना प्रभावशाली है कि आप उन्हें स्क्रीन पर देखते ही उनके फैन बन जाते हैं। विजय राज ने मुराद के पिता के रूप में गहराई और सच्चाई से भरा प्रदर्शन दिया है।
संगीत: रैप का जादू
फिल्म का संगीत इसकी आत्मा है। हर रैप गाना कहानी के साथ बखूबी मेल खाता है। “अपना टाइम आएगा,” “दूरी,” और “मेरी गली में” जैसे गाने दर्शकों को बांधकर रखते हैं। रणवीर सिंह ने खुद रैप गाए हैं, जो फिल्म को और ज्यादा प्रामाणिक बनाते हैं।
Gully Boy Movie Review: एक प्रेरणा, एक अनुभव

Gully Boy सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि सपनों और हौसले की कहानी है। यह दिखाती है कि अगर इंसान में जुनून और काबिलियत है, तो वह किसी भी बाधा को पार कर सकता है। फिल्म केवल रैप म्यूजिक या झुग्गियों की कहानी नहीं है; यह इंसानियत और सपनों की ताकत की शानदार व्याख्या है।
गली बॉय उन फिल्मों में से है, जो आपको सोचने पर मजबूर करती हैं और लंबे समय तक आपके दिल में बसी रहती हैं। इसे सिर्फ देखें ही नहीं, बल्कि इसे महसूस करें। यह फिल्म आपके दिल में जगह बनाएगी और आपके सपनों को नई उड़ान देगी।
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