Infosys Layoff Karnataka केंद्र ने कर्नाटक को इंफोसिस की छंटनी पर कार्रवाई करने का निर्देश: संपूर्ण जानकारी

Piyush Singh
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Infosys Layoff Karnataka:- हाल ही में इंफोसिस द्वारा साइक्लो फ्रेशर्स की छंटनी के मामले में व्यापक चर्चा और सरकारी हस्तक्षेप को जन्म दे दिया है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

Infosys Layoff Karnataka: इंफोसिस में छंटनी का कारण

इंफोसिस ने हाल ही में लगभग 700 फ्रेशर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के अनुसार, यह कर्मचारी आंतरिक मूल्यांकन परीक्षणों में सफल नहीं हो पाए, जो कि नियुक्ति प्रक्रिया का एक हिस्सा है। कंपनी यह दावा करती है कि प्रतिक्रिया कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित अनुभव के अनुरूप है।

केंद्र सरकार का कदम

आईटी कर्मचारी संघ ने सेंट इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एम्पलाइज सीनेट ने इस छंटनी के खिलाफ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय में शिकायत दर्ज की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि फ्रेशर्स को जबरन नौकरी से निकाला गया है और उन्हें गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। इस पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कर्नाटक राज्य श्रम विभाग को विवाद के समाधान के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।

Infosys Layoff Karnataka: इंफोसिस छंटनी का कर्मचारियों पर प्रभाव

प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ऑफर लेटर मिलने के बाद जॉइनिंग में 2 साल की देरी हुई और जॉइनिंग के कुछ महीने बाद ही उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके अलावा, उन्हें गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेशराइज किया गया है, जिससे वे अपनी स्थिति के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते हैं।

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कर्नाटक सरकार का रुख और संभावित समाधान

केंद्रीय निर्देश के बाद कर्नाटक श्रम विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। श्रम विभाग के अधिकारियों ने इंफोसिस के बेंगलुरु और मैसूर परिसरों का दौरा किया। जांच के परिणामस्वरूप प्रभावित कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है।

Infosys Layoff Karnataka: उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

इस घटना ने आईटी उद्योग में रोजगार सुरक्षा और श्रम कानून के पालन पर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी में अपने मूल्यांकन और छंटनी प्रक्रिया को पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के अलावा कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए मजबूत नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।

इंफोसिस की छंटनी न केवल प्रभावित कर्मचारियों के लिए ही चुनौती पैदा की है, बल्कि आईटी कंपनी में काम कर रहे सभी कर्मचारियों के लिए भारी चुनौतियां उत्पन्न की हैं। इस मामले का समाधान करना बहुत ही आवश्यक है।

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लेखक परिचय:"पियूष सिंह" एक अनुभवी लेखक और संपादक हैं, जो ऑटोमोबाइल और लाइफस्टाइल की दुनिया में विशेष रुचि रखते हैं। वे एक CNC कंपनी में कार्यरत हैं और अपने लेखन में टेक्नोलॉजी और उद्योग से जुड़े अनुभवों को भी साझा करते हैं। पियूष का झुकाव यात्रा, सुंदरता, और खानपान की ओर है, और वे लाइफस्टाइल को एक समग्र दृष्टिकोण से देखते हैं। उनके लेखन में जानकारी के साथ एक व्यक्तिगत स्पर्श होता है, जो पाठकों को उनके साथ जुड़ने में मदद करता है।
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