ISRO SpaDeX Docking Update: स्पेस डॉकिंग के नए मिशन में रोमांचक मोड़, सैटेलाइट्स ‘होल्ड मोड’ पर, जानें आगे की रणनीति! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन ने अब एक रोमांचक चरण में प्रवेश कर लिया है। इसरो ने जानकारी दी है कि दोनों सैटेलाइट्स वर्तमान में एक-दूसरे से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर ‘होल्ड मोड’ में रखे गए हैं। इस ऐतिहासिक प्रयोग के अगले चरण में, 11 जनवरी को इन सैटेलाइट्स को 500 मीटर की दूरी पर लाने की योजना है।
ISRO SpaDeX Docking Update: क्या है ‘होल्ड मोड’
‘होल्ड मोड’ स्पेसक्राफ्ट्स को स्थिर रखने की एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें उनकी गति और दिशा को पूरी तरह नियंत्रित किया जाता है। इस चरण में सबसे बड़ी चुनौती दोनों सैटेलाइट्स को सुरक्षित तरीके से नजदीक लाना होता है, ताकि टकराव की कोई संभावना न हो। इसरो की टीम लगातार उनकी स्थिति पर नजर रख रही है और धीरे-धीरे इन्हें करीब लाने की तैयारी कर रही है।
स्पेसक्राफ्ट्स को धीमी गति से ‘ड्रिफ्ट’ कराते हुए 500 मीटर की दूरी पर लाया जाएगा। इस दौरान हर कदम पर उनकी गति और दिशा का बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा।
डॉकिंग की प्रक्रिया क्यों है खास?
SpaDeX Docking Update:
— ISRO (@isro) January 10, 2025
Spacecrafts are at a distance of 1.5 km and on hold mode. Further drift to 500 m is planned to be achieved by tomorrow morning.#SPADEX #ISRO
अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट्स को सटीक गति और दिशा में एक-दूसरे से जोड़ना होता है। अब तक इस कला में सिर्फ तीन देश—अमेरिका, रूस और चीन—ही महारत हासिल कर पाए हैं। ISRO अब इस चुनौती को पार कर इतिहास रचने की ओर अग्रसर है।
दो बार टल चुकी है डॉकिंग की शुरुआत
SpaDeX मिशन की डॉकिंग प्रक्रिया 7 जनवरी और 9 जनवरी को शुरू होने वाली थी, लेकिन इसे तकनीकी कारणों से टाल दिया गया। ISRO की टीम हर चरण में डाटा का गहराई से विश्लेषण कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मिशन बिना किसी रुकावट के सफल हो।
ISRO ने 30 दिसंबर 2024 को SpaDeX मिशन का सफल लॉन्च किया था। अब यह मिशन एक नए मुकाम पर पहुंच चुका है। ISRO की टीम इसरो की सटीकता और समर्पण से इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को अंजाम देने में जुटी हुई ह
क्या होगा आगे का प्लान?
SpaDeX मिशन के तहत, दोनों सैटेलाइट्स को पहले 1.5 किलोमीटर की दूरी से 500 मीटर तक लाया जाएगा। इसके बाद, डॉकिंग के अंतिम चरण की प्रक्रिया शुरू होगी। यह वह क्षण होगा, जब भारत अंतरिक्ष डॉकिंग के क्षेत्र में चौथा देश बनकर इतिहास रचेगा।
SpaDeX मिशन ISRO के लिए सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की ताकत को साबित करने का एक ऐतिहासिक मौका है। ‘होल्ड मोड’ से लेकर डॉकिंग तक का हर कदम अंतरिक्ष विज्ञान के नए आयाम स्थापित करेगा। इस मिशन की हर अपडेट के लिए जुड़े रहें और जानें कैसे ISRO इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है!र पाए हैं. (भाषा इनपुट)
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