Mahashivratri Pooja Vidhi: महाशिवरात्रि सनातन धर्म में इसकी बहुत मान्यता है। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करने से आपके लिए बहुत लाभदायक होता है। इस दिन अगर आप भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करते हैं, तो आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आपको अच्छा वर की प्राप्ति होगी।
Mahashivratri Pooja Vidhi महाशिवरात्रि पूजा विधि:
महाशिवरात्रि की पूजा विधि में सबसे पहले प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव का जल, दूध, शहद, दही और गंगाजल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत और सफेद फूल अर्पित करें। घी या तिल के तेल का दीप जलाकर शिव मंत्रों का जाप करें। रातभर जागरण कर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। उपवास के दौरान फलाहार करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। पूजा के अंत में शिव आरती करें और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करें।
- भगवान शिव की पूजा करें
भगवान शिव की शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं। - व्रत रखें
जीवन की भक्ति के लिए फलाहार या निर्जल व्रत रख सकते हैं। - ओम नमः शिवाय का जाप करें
महाशिवरात्रि के दिन में अधिक से अधिक मंत्र का जाप करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन आप शिव की कथा सुनें और भजन-कीर्तन करें, और रात्रि में जागरण का पूर्ण पालन करें। - दान पुण्य करें
जरूरतमंदों को धन, वस्त्र आदि से आवश्यक वस्तुएं दें और जरूरतमंदों के काम आएं।
महाशिवरात्रि में क्या नहीं करें
- तामसिक भोजन न करें
मांसाहार, नशे और तामसिक प्रवृत्ति वाले खाने से बचें। - बुरी संगति से बचें
मन को शांत रखें और सकारात्मक रहें। - शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं
- दूध और जल व्यर्थ न बहाएं
इससे बचें और उचित रूप से शिवलिंग पर चढ़ाएं। - किसी का भी अपमान न करें
विशेष रूप से आप सभी का सम्मान करें और जीवन के चरण में रहें।
पूजा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण FAQs
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महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, पापों का नाश होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
उपवास के दौरान फल, दूध, मखाना, साबूदाना खिचड़ी, नारियल पानी और ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है।
जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, गंगाजल, चंदन, अक्षत, दीपक और धूप- अगरबत्ती आवश्यक होते हैं।
इस दिन तामसिक भोजन (मांस, शराब, प्याज, लहसुन) से बचें, क्रोध न करें, झूठ न बोलें और गलत विचारों से दूर रहें।
भगवान शिव का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से करें, बेलपत्र अर्पित करें, शिव मंत्रों का जाप करें और पूरी रात जागकर भक्ति में लीन रहें।
हां, महिलाएं भी महाशिवरात्रि का व्रत रख सकती हैं। अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
ॐ नमः शिवाय
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
रुद्राष्टक पाठ और शिव चालीसा का भी पाठ करें।
हां, यह शुभ माना जाता है। पूरी रात भगवान शिव की भक्ति में लीन रहना और भजन-कीर्तन करना अत्यंत लाभकारी होता है।
तुलसी पत्ता, केतकी का फूल, नारियल का पानी और सिंदूर शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक है। इस दिन शिव की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
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