Tejas Mark-1A Fighter Jet Production: भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने तेजस मार्क-1A फाइटर जेट के लिए पहला F-404 टर्बोफैन इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंप दिया है। यह डिलीवरी लगभग दो साल की देरी के बाद हुई है, जिससे अब स्वदेशी लड़ाकू विमानों के उत्पादन को तेज करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
HAL की बड़ी तैयारी
HAL अब तेजी से उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहा है। नासिक में तीसरी उत्पादन लाइन शुरू होने से बेंगलुरु की मौजूदा दो लाइनों को अतिरिक्त समर्थन मिलेगा, जिससे हर साल 20 तेजस विमान तैयार करने की योजना बनाई गई है। आगे चलकर इस संख्या को 24 विमानों तक बढ़ाया जाएगा।
हालांकि, HAL को अभी भी तेजस मार्क-1A के अन्य लंबित विकास कार्यों को पूरा करना होगा, जिसमें एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइल का परीक्षण और कुछ महत्वपूर्ण सिस्टम्स का एकीकरण शामिल है।
IAF प्रमुख की चिंता Tejas Mark-1A Fighter Jet Production
भारतीय वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने हाल ही में HAL पर नाराजगी जताते हुए कहा कि IAF को हर साल कम से कम 40 नए फाइटर जेट्स की आवश्यकता है। फिलहाल, IAF के पास केवल 30 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि उसे चीन और पाकिस्तान के दोहरे खतरे से निपटने के लिए 42.5 स्क्वाड्रन की जरूरत है।
तेजस मार्क-1A और भविष्य की योजनाएं
अब तक भारतीय वायुसेना को 40 तेजस मार्क-1 जेट्स में से केवल 38 ही मिले हैं। 2021 में HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A विमानों का ₹46,898 करोड़ का सौदा हुआ था, लेकिन अब तक एक भी विमान डिलीवर नहीं हुआ है। IAF को 220 तेजस फाइटर्स की जरूरत है, जिसमें:
- 97 नए तेजस मार्क-1A जेट्स के लिए ₹67,000 करोड़ का ऑर्डर पाइपलाइन में है।
- 108 तेजस मार्क-2 विमानों की भी योजना बनाई गई है, जो अधिक शक्तिशाली GE-F414 इंजन से लैस होंगे।
Tejas Mark-1A Fighter Jet Production: भारत में बनेगा GE-F414 इंजन
HAL और GE अब GE-F414 इंजन के भारत में को-प्रोडक्शन के लिए अंतिम तकनीकी और व्यावसायिक वार्ता कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत $1.5 बिलियन है, जिसमें 80% तकनीकी हस्तांतरण (Transfer of Technology) शामिल होगा।
IAF की युद्धक क्षमता होगी मजबूत
GE का पहला इंजन मिलने के बाद HAL का लक्ष्य तेजस मार्क-1A का उत्पादन तेज करना है। आने वाले वर्षों में तेजस मार्क-1A और मार्क-2 वेरिएंट्स की डिलीवरी से IAF की युद्धक क्षमता में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। यह भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय वायुसेना को और अधिक ताकतवर बनाएगा।
ये भी देखें:- NASA Crew-10: सुनीता विलियम्स की 9 महीने बाद होने जा रही ‘घर वापसी’; जाने क्या वह फिर से रख पाएंगी अपना कदम।
[…] […]