US Plane Crash: अमेरिका में हुए एक दर्दनाक विमान हादसे ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है, जब अमेरिकी सेना के एक हेलिकॉप्टर और अमेरिकन एयरलाइंस के यात्री जेट के बीच हवा में टक्कर हो गई। इस दुर्घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडेन को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। यह हादसा न केवल अमेरिका की एयरलाइन सुरक्षा के सवालों को उजागर करता है, बल्कि ट्रंप के बयान ने इस पर राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया है।
अमेरिकी सेना के हेलिकॉप्टर और एयरलाइंस विमान के बीच टक्कर
यह घटना अमेरिकी इतिहास में सबसे भयावह विमान हादसों में से एक मानी जा रही है। हेलिकॉप्टर और यात्री विमान के बीच हुई हवा में टक्कर में सभी 67 लोग मारे गए हैं। इसमें 60 यात्री और 4 क्रू मेंबर अमेरिकन एयरलाइंस के विमान में सवार थे, और तीन सैनिक हेलीकॉप्टर में थे। यह दुर्घटना अमेरिका के पिछले 25 सालों में सबसे बड़ी विमान दुर्घटना के रूप में दर्ज की जा रही है। ट्रंप ने इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने ओबामा और बाइडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
US Plane Crash: ट्रंप ने क्यों ठहराया ओबामा और बाइडेन को जिम्मेदार?

हादसे के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने ओबामा और बाइडेन की नीतियों को दोषी ठहराया। ट्रंप ने कहा, “मैंने हमेशा सुरक्षा को प्राथमिकता दी, जबकि ओबामा और बाइडेन ने अपनी नीतियों को पहले रखा। उन्होंने एयर सेफ्टी स्टैंडर्ड को कमजोर किया, जिससे इस हादसे की आशंका थी। उनकी नीतियों के कारण सिस्टम में सक्षम लोगों की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए, और यही इस हादसे की असल वजह है।”
ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि ओबामा और बाइडेन ने सुरक्षा मानकों के मुकाबले अन्य मुद्दों को प्राथमिकता दी, जिससे विमानन क्षेत्र में कमियों का सामना करना पड़ा। ट्रंप का कहना था कि जब तक सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा जाता है, तब तक ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।
ट्रंप का एक मिनट का मौन, मारे गए लोगों के सम्मान में

व्हाइट हाउस में अपनी आधिकारिक ब्रीफिंग के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने इस हादसे में मारे गए सभी 67 लोगों और उनके परिवारों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखा। यह एक संवेदनशील और सम्मानजनक कदम था, क्योंकि यह दुर्घटना न केवल अमेरिकी नागरिकों के लिए बल्कि अमेरिका के एयरलाइंस और सुरक्षा प्रणालियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई।
ट्रंप ने इसके बाद घोषणा की कि वह संघीय विमानन प्रशासन (FAA) के कार्यवाहक प्रशासक के रूप में क्रिस रोशेल्यू को नियुक्त कर रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को सख्त बनाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाना था। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भविष्य में विमानन क्षेत्र में किसी भी कमी को नहीं बर्दाश्त करेगी।
US Plane Crash: हेलिकॉप्टर और विमान के टकराने की पूरी कहानी
यह हादसा अमेरिकी सेना के एक हेलिकॉप्टर और अमेरिकन एयरलाइंस के विमान के बीच टक्कर से हुआ। हेलिकॉप्टर अमेरिकी सेना का ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर था, जो एक प्रशिक्षण उड़ान पर था। यह हेलीकॉप्टर विमान के साथ हवा में टकरा गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों विमान पोटोमैक नदी में गिर गए। दुर्घटना के बाद बचाव कार्य चलाया गया, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की कि इस हादसे में कोई भी जीवित नहीं बचा।
अमेरिकन एयरलाइंस ने पुष्टि की है कि उनके विमान में 60 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे, जिनकी मौत हो गई। वहीं, अमेरिकी सेना के हेलिकॉप्टर में 3 सैनिक सवार थे, जो हादसे में मारे गए। यह विमान हादसा अमेरिकी इतिहास के सबसे भीषण हादसों में एक बन गया है।
अमेरिका में 25 साल में सबसे बड़ा विमान हादसा

अगर सभी 67 लोगों की मौत की पुष्टि हो जाती है, तो यह 12 नवंबर 2001 के बाद अमेरिका में हुआ सबसे बड़ा विमान हादसा होगा। उस समय अमेरिकन एयरलाइंस का एक विमान कैनेडी हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद न्यूयॉर्क के बेले हार्बर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 260 लोग मारे गए थे। उस हादसे के बाद से यह सबसे घातक विमान दुर्घटना मानी जा रही है।
यह घटना अमेरिका में विमानन सुरक्षा के महत्वपूर्ण सवालों को फिर से सामने लाई है। ट्रंप का बयान और उनकी सरकार के कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या असर डालेंगे, यह समय ही बताएगा।
US Plane Crash: समाप्ति
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से एयरलाइंस और सेना के बीच सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ट्रंप के बयान से यह साफ हो गया कि वह अपनी सरकार के दौरान सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं, लेकिन ओबामा और बाइडेन की नीतियों को लेकर उनका गुस्सा साफ तौर पर झलकता है। अब देखना यह होगा कि क्या भविष्य में अमेरिका के विमानन सुरक्षा मानकों में सुधार होता है, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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